स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बहाने मोदी को नीचा दिखाने के वाली वायरल फोटो जानिए क्या है सच

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बहाने मोदी को नीचा दिखाने के वाली वायरल फोटो का सच !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्तूबर 2018 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर (597 फीट) ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) का अनावरण कर दिया। कुछ लोग इस मूर्ति के बनने पर खुश हो रहे हैं, तो वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस मूर्ति को बनाने पर जो खर्च हुआ उसको बेकार बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मूर्ति को लेकर बहुत चर्चा हो रही है। इस बीच सोशल मीडिया एक फोटो कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है, जिसमें इस मूर्ति के पास बैठी एक गरीब महिला अपने दो बच्चों को खाना खिला रही है।

हमने इस फोटो की पड़ताल की तो हमारी पड़ताल में ये फोटो पूरी तरह से फर्जी और फोटोशॉप से बनी हुई साबित हुई। इस फोटो में बच्चों को खाना खिलाते हुए महिला की फोटो को फोटोशॉप की मदद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास लगा दिया गया है। इस फोटो को आम आदमी पार्टी यूएसए के फेसबुक पेज से शेयर किया गया है। और साथ ही वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने भी इस फोटो को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। इनके अलावा और भी कई फेसबुक-ट्विटर पेज और यूजर्स ने इस फोटो को शेयर किया है। इस फोटो के साथ ये भी दावा किया जा रहा है कि सरकार ने आदिवासियों की जमीन छिनकर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई। पहली नजर में देखने में ये असली लगती है।

हमने पड़ताल की जो असली फोटो है वो 8 साल पुरानी है और इसे 26 फरवरी 2010 को क्लिक किया गया था। बच्चों को खाना खिलाते हुए महिला की फोटो को रायटर्स के फोटोग्राफर अमित दवे ने अहमदाबाद में क्लिक किया था। इस फोटो को फोटोशॉप से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की फोटो जोड़ कर ऐसा किया गया।

photoshopped image of sardar patels statue of unity

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति को कहा है। ये मूर्ति दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर (597 फीट) है। और इसको बनाने पर 2,989 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इसे 42 महीनों में तैयार किया गया है।

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